Mahakumbh हिंदू आस्था का एक प्रतीक है Mahakumbh के पीछे माना यह जाता है की अमृत मंथन के दौरान देवताओं और आश्रम में युद्ध हुआ जिसके फल स्वरुप अमृत की कुछ बूद प्रयागराज के संगम में पड़ी जिसकी वजह से प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होता है यह 12 साल में एक बार इसलिए मनाया जाता है कि जब देवताओं और आश्रम में युद्ध हो रहा था वह युद्ध 12 दिनों तक चला था देवताओं का वह 12 दिन मनुष्य के काल में 12 वर्ष के बराबर होते हैं इसलिए महाकुंभ 12 वर्षों में एक बार लगता है मान्यता है की जो भी व्यक्ति Mahakumbh के दौरान संगम में स्नान करता है उसके सारे पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति के मार्ग सुगम हो जाते हैं
Mahakumbh 2025 : Snan Date
Mahakumbh2025 की शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है यह मेल कल 45 दिनों तक चलने वाला है ऐसे में 45 दिनों में महाकुंभ के दौरान संगम स्नान की कुछ प्रमुख तिथियां महत्वपूर्ण हैं जिम अगर आप संगम स्थान करते हैं तो आपको मान्यता के अनुसार इसका लाभ मिलेगा
Mahakumbh 2025 : पौष पूर्णिमा
13 जनवरी 2025
पौष पूर्णिमा का महत्व इस प्रकार है:
- पौष पूर्णिमा के दिन सूर्य और चंद्रमा का अद्भुत संगम होता है. इस दिन दोनों की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और बाधाएं दूर होती हैं.
- पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विधान है. इस दिन स्नान, दान, और धर्म-कर्म के कार्यों से पुण्य की प्राप्ति होती है.
- पौष पूर्णिमा की रात चंद्रमा और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. इससे जीवन में सुख, समृद्धि, धन, और संपत्ति की प्राप्ति होती है.
- पौष पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने से जीवन में सुख और शांति आती है.
- पौष पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को पवित्र जल में कच्चा दूध मिलाकर अर्घ्य देने से चंद्रदेव की कृपा बनी रहती है.
- पौष पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा-पाठ करने से विष्णु जी प्रसन्न होते हैं और हर मनोकामना पूरी करते हैं
Mahakumbh 2025 : मकर संक्रांति
14 जनवरी 2025
मकर संक्रांति का महत्व कई कारणों से है:
- मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं. इस दिन सूर्य देव की पूजा-अर्चना की जाती है.
- इस दिन से सूर्य की उत्तरायण गति शुरू होती है. सूर्य के उत्तरायण होने से दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं.
- मकर संक्रांति के दिन से खरमास का अंत हो जाता है और शादी-विवाह जैसे शुभ कामों पर लगी रोक हट जाती है.
- इस दिन गरीबों को अन्नदान, तिल, गुड़, तिल से बने लड्डू या तिल के दूसरे खाद्य पदार्थ दान करना शुभ माना जाता है.
- मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान और तीर्थ स्थलों पर स्नान-दान का भी विशेष महत्व माना जाता है.
- मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की प्रथा है.
Mahakumbh 2025 : मौनी अमावस्या
29 जनवरी 2025
मौनी अमावस्या का महत्व इस प्रकार है:
- मौनी अमावस्या पर स्नान और दान का विशेष महत्व है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से तन और मन दोनों शुद्ध होते हैं.
- इस दिन मौन रहकर स्नान और दान करने से स्वास्थ्य और ज्ञान की प्राप्ति होती है.
- इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा की जाती है.
- इस दिन दान करने से ग्रह दोष खत्म हो जाते हैं.
- इस दिन मौन व्रत रखने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
- इस दिन प्रयागराज में बड़ा मेला लगता है.
- इस दिन पीपल में आर्घ्य देकर परिक्रमा करें और दीप दान दें.
- इस दिन जिनके लिए व्रत करना संभव नहीं हो वह मीठा भोजन करें.
- इस दिन अगर सोमवार हो और साथ ही महाकुम्भ लगा हो तब इसका महत्व अनंत गुणा हो जाता है
Mahakumbh 2025 : बसंत पंचमी
3 फरवरी 2025
बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। इस दिन से बसंत ऋतु का आगमन होता है, जो सभी ऋतुओं का राजा है। बसंत पंचमी के 40 दिन बाद होली का पर्व मनाया जाता है, इसलिए बसंत पंचमी से होली के त्योहार की शुरुआत मानी जाती है।
Mahakumbh 2025 : अचला सप्तमी
4 फरवरी 2025
अचला सप्तमी का महत्व इस प्रकार है:
- अचला सप्तमी को रथ सप्तमी या सूर्य जयंती के नाम से भी जाना जाता है.
- यह व्रत भगवान सूर्य को समर्पित है.
- इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति को सात जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है.
- इस दिन स्नान-दान करने से धन-धान्य की बढ़ोतरी होती है और उत्तम संतान की प्राप्ति होती है.
- इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को आरोग्यता मिलती है, खास तौर पर चर्म रोगों से मुक्ति प्राप्त होती है.
- इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए.
- स्नान करते समय अपने सिर पर बदर वृक्ष और अर्क पौधे की सात-सात पत्तियां रखना चाहिए.
- इस दिन सूर्य देवता को मीठी चीज़ें जैसे खीर, मालपुआ और बेसन के लड्डू का भोग लगाना चाहिए.
- इस दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है
Mahakumbh 2025 : माघ पूर्णिमा
12 फरवरी 2025
माघ पूर्णिमा का महत्व इस प्रकार है:
- माघ पूर्णिमा को बहुत शुभ और महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और हनुमान जी की पूजा की जाती है.
- माघ पूर्णिमा के दिन देवता पृथ्वी पर आते हैं और मनुष्य रूप धारण करके प्रयागराज में स्नान, दान, और जप करते हैं.
- माना जाता है कि इस दिन प्रयागराज में गंगा स्नान करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
- माघ पूर्णिमा पर पूजा, जप, तप, और दान करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है.
- माघ पूर्णिमा पर गंगा नदी के पवित्र जल को छूने मात्र से भक्त मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं.
- माघ पूर्णिमा पर गंगा, यमुना, कावेरी, कृष्णा, सिंधु, ब्रह्मपुत्र आदि पवित्र नदियों में स्नान किया जा सकता है.
- माघ पूर्णिमा बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए भी विशेष महत्व रखती है. ऐसा माना जाता है कि गौतम बुद्ध ने इसी दिन अपनी आसन्न मृत्यु की घोषणा की थी
Mahakumbh 2025 : महाशिवरात्रि
26 फरवरी 2025
सांसारिक महत्वाकांक्षाओं में मग्न लोग महाशिवरात्रि को, शिव के द्वारा अपने शत्रुओं पर विजय पाने के दिवस के रूप में मनाते हैं। परंतु, साधकों के लिए, यह वह दिन है, जिस दिन वे कैलाश पर्वत के साथ एकात्म हो गए थे। वे एक पर्वत की भाँति स्थिर व निश्चल हो गए थे। यौगिक परंपरा में, शिव को किसी देवता की तरह नहीं पूजा जाता।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार महाशिवरात्रि उस दिन की याद दिलाती है जब भगवान शिव ने तांडव नृत्य किया था, जो सृजन, संरक्षण और विनाश का ब्रह्मांडीय नृत्य है। इस दिन भगवान शिव ने पार्वती से विवाह किया था। ऐसा माना जाता है कि यह वह रात थी जब भगवान शिव ने देवी पार्वती से विवाह किया था।