यह घटना उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले का है जहां के क्षेत्र अधिकारी योगेंद्र कृष्ण नारायण ने बताया कि वहां पर एक एफसीआई खाद्य गोदाम में खतरनाक रसायन जिसका नाम अल्युमिनियम फास्फाइड है उसका छिड़काव गेहूं के बोरियों पर चूहो और कीटाणुओं से सुरक्षा के लिए उसे पर छिड़काव किया गया था गोडाउन की एक खिड़की टूटी होने की वजह से उसमें कुछ बंदर रात्रि को घुस गए जहां पर वह अल्युमिनियम फास्फाइड नमक खतरनाक रसायन का छिड़काव किया गया था वहां पर बंदरों को वह खतरनाक रसायन सांस के जरिए अंदर लेने की वजह से 145 से अधिक बंदरों की मौत हो गई।
यह घटना उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले का है उसके बाद गोदाम के कर्मचारियों ने दूसरे दिन जब गोदाम का दरवाजा खोला तब वहां पर देखा कि 145 से अधिक बंदरों की मौत हुई है उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों को सूचित नहीं किया और यह मामले को किसी की नजर में ना आए इसकी वजह से बंदरों के सब को गड्ढे में दफना दिया जब यह बात विश्व हिंदू परिषद के नेताओं को पता चला तब उन्होंने पुलिस को सूचित किया उसके बाद पशु चिकित्सक की टीम ने बंदरों के शव को उसे गड्ढे से पोस्टमार्टम के लिए निकला जहां पर बंदरों का शव अंतिम स्थिति पर था । यह मामला 7 नवंबर का है जब एक एफसीआई गोदाम में वहां के कर्मचारियों ने गेहूं की बोरियों को सुरक्षित रखने के लिए वहां पर अल्युमिनियम फास्फाइड नमक खतरनाक रसायन का छिड़काव किया उसके बाद वह गोदाम को बंद करके चले गए जब दूसरे दिन वह गोदाम खोला तो उन्हें वहां पर 145 से अधिक बंदर मृत पाए गए। इस बात से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह रसायन कितना ज्यादा खतरनाक है जो कि बंदरों को सांस लेने की वजह से उनकी मृत्यु हो गई और इसी को खाद्य पदार्थ गेहूं जैसे खाद्य पदार्थों पर छिड़काव किया जा रहा है। पुलिस क्षेत्राधिकार के द्वारा का कहना है कि उन्हें यह बात का पता बुधवार को चला जिसके बाद उन्होंने गोदाम के कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दिया है।